गुरु ग्रह शांति पूजा
- ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि बृहस्पति की पूजा करने से, अन्य ग्रहों के भी अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।
- दंपत्ति द्वारा बृहस्पति ग्रह की शांति पूजा करने से, उन्हें संतान प्राप्ति एवं संतान की लम्बी एवं प्रबल जिंदगी का वरदान मिलता है।
- बृहस्पति देव की शांति पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में मानसिक शक्ति, पदोन्नति, धन वृद्धि, और बौद्धिक शक्ति का विकास होता है।
- गुरु ग्रह शांति पूजा कई मायनों में बेहद लाभकारी माना जाता है। क्योंकि इससे शारीरिक और मानसिक समस्याएं पूरी तरह से दूर होती है।
- बृहस्पतिवार के दिन बृहस्पति शांति पूजा करने वाले व्यक्ति को, ज्ञान प्राप्ति का वरदान मिलता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. गुरु ग्रह शांति पूजा से क्या लाभ मिलता है?
इस पूजा को करने से जन्म कुंडली में मौजूद गुरु दोष के नकारात्मक प्रभावों का अंत होता है। साथ ही जातक के जीवन में विवाह और संतान से जुड़ी हर प्रकार की समस्या भी दूर होती है।
Q2. क्या गुरु ग्रह शांति पूजा में मेरी शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता होगी ?
नहीं, इस पूजा अनुष्ठान की यह सबसे अनोखी सुंदरता यह है कि इसके अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अन उपस्थित होते हुए भी, इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
Q3. क्या पूजा के दौरान उपस्थित होना आवश्यक है?
पूजा की शुरुआत में जातक को संकल्प के लिए उपस्थित होना आवश्यक है लेकिन पूरी पूजा के दौरान यदि वह उपस्थित ना भी रहें तो पूजा विधि-विधान से संपन्न की जाती है।
Q4. नवग्रह पूजा की विधि क्या है?
नवग्रह दोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। नवग्रह दोष की शांति के लिए नौ ग्रहों को उनके मंत्रों द्वारा शांत किया जाता है।
- नवग्रह-पूजन के लिए सबसे पहले ग्रहों का आह्वान किया जाता है। उसके बाद उनकी स्थापना की जाती है।
- फिर बाएँ हाथ में अक्षत लेकर मंत्र उच्चारण करते हुए दाएँ हाथ से अक्षत अर्पित करते हुए ग्रहों का आह्वान किया जाता है।
- इस प्रकार सभी ग्रहों का आह्वान करके उनकी स्थापना की जाती है।
- इसके उपरांत हाथ में अक्षत लेकर मंत्र उच्चारित करते हुए नवग्रह मंडल में प्रतिष्ठा के लिये अर्पित करें।
- अब मंत्र उच्चारण करते हुए नवग्रहों की पूजा करें।
ध्यान रहे पूजा विधि किसी विद्वान ब्राह्मण से ही संपन्न करवायें। पूजा नवग्रह मंदिर में भी की जा सकती है।
Q5. गुरु ग्रह शांति पूजन का कुल समय कितना होता है ?
आमतौर पर, इस पूजा को करने में एक दिन में लगभग 5 से 6 घण्टे का समय लगता है।
Q6. गुरु ग्रह शांति पूजन का समय कैसे निर्धारित किया जाता है ?
गुरु शांति पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।
Q7. पूजा कितने समय तक चलती है?
यह पूजा 5 पुजारियों की एक टीम नियुक्त कर लगभग 5 या 6 घंटों तक चलती है, जिसमें आचार्य या पंडित जी द्वारा मंत्रो का उच्चारण किया जाता है।
Q8. नवग्रह पूजन का मुहूर्त कैसे निर्धारित किया जाएगा?
पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।
Q9. इस पूजन को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?
इस पूजन को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-
- पूरा नाम
- गोत्र
- वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।
- पूजा करने का उद्देश्य – आप पूजा क्यों कर रहे हैं?
Q10. ऑनलाइन गुरु ग्रह शांति पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आपको “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।
Q11. इस पूजन को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?
इस पूजन को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-
- पूरा नाम
- गोत्र
- वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।
- पूजा करने का उद्देश्य – आप पूजा क्यों कर रहे हैं?
Q12. नवग्रह पूजन के लिए किस सामग्री का उपयोग होता है?
इस पूजन में धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी और गुलाबी कपड़ा, आदि विशेषरूप से उपयोग किया जाता है।
Q13. ऑनलाइन बृहस्पति ग्रह शांति पूजा के दौरान दान का महत्व?
गुरु ग्रह शांति हेतु पूजन के दौरान विशेषज्ञ जरूरतमंदों में पुखराज, सोना, चने की दाल, खांड, घी, पीला कपड़ा, पीला फूल, हल्दी, पुस्तक, पीला फल दान, आदि करने की सलाह देते हैं।
Q14. नवग्रह पूजा कैसे होगी?
आचार्य द्वारा किए जाने वाले ऑनलाइन पूजा का विवरण आपको दिया जाएगा और आपकी पूजा को एक विशेष पंडित जी को सौंपा जाएगा, जिनके द्वारा एक शुभ घड़ी पूजा के लिए चुनी जाएगी। नामित पंडित जी एक समय में केवल एक पूजा करेंगे। पूजा शुरू होने से ठीक पहले, आपको एक कॉल लगाया जाएगा, ताकि आपके पंडित जी आपको उसके साथ संकल्प का पाठ करवा सकें। यह शुरुआत का प्रतीक है। यदि पूजा के दौरान आप अपने घर में या मंदिर में हो तो आप एक शांत स्थान में बैठ कर लगातार नवग्रह मंत्र का जप कर सकते हैं।
Q15. नवग्रह पूजन की समाप्ति पर क्या होगा ?
पूजा के अंत में, आपके पंडित जी आपको पूजा के दौरान उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए फिर से बुलाएंगे। इस प्रक्रिया को श्रेया दा या संकल्प पूर्ति के रूप में जाना जाता है। यह पूजा के अंत का प्रतीक है।
Q16. ऑनलाइन नवग्रह पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आप “ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।” मंत्र का निरंतर जाप कर इस पूजा से उत्तम फल प्राप्त कर सकते हैं।
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